मंगलवार, 21 जुलाई 2015

जिनके सामने सर झुकता है अदब से

जिनके सामने सर झुकता है अदब से 
गर लोग इस कदर मगरूर हो जायेंगे 
यकीन जानिए कितनी भी हो मुहब्बत 
हम फैसले करने को मजबूर हो जायेंगे ।

रविवार, 12 जुलाई 2015

लो अब मैं चला तुम खुश तो हो आज सूरज ढला तुम खुश तो हो देखो बंद हुयी मेरी जुबान आज बोलने से थे परेशांन खुश तो हो|


सच दो लफ्ज और झूठ भारी है झूठ हुआ आसमान खुश तो हो झूठ और लुट तुम्हारे मेहमान है और जनता बेजुबान खुश तो हो|


ये आदमी नागिन बन गया यारो नाग है परेशांन तुम खुश क्यों हो मैं चला तुम्हारी दुनिया छोड़ कर न जहर न एहसान तुम खुश तो हो


मंगलवार, 7 जुलाई 2015

आँखों में मूरत वसायी थी तेरी अच्छी से

आँखों में मूरत वसायी थी तेरी अच्छी से
आखो से गिरकर तूमने ही उसे तोड़ दिया
अपने घर से तेरे घर को मैंने ही जोड़ा था
दीवार खड़ी करके तूने ही हमें छोड़ दिया ।

ये दिल प्यार से भरा है जगह खाली नही रही

ये दिल प्यार से भरा है जगह खाली नहीं रही
अपनी नफरत को तुम खुद सम्हाल कर देखो |
सुना है कि बहुत शौक है  सबको आजमाने का
खुद को भी तो कभी आजमाईश डाल कर देखो ।

जो झुका अदब से सामने उसका वो कद नहीं है
वो उसका अदब है लेकिन तुम्हारा अर्दब नहीं है
घात करना घर बुला कर कभी अच्छा नहीं होता
जरा सोचो खुद को ऐसे हालात में डाल कर देखो  ।

घबरा जावोगे जब ये तुम्हारे साथ भी हो जायेगा
जब कोई बंद कर देगा औ फिर चाभी भूल जायेगा
तो जरा सोच कर देखो तड़प अपनी और अपनों की
ये नफरत है जो अपनों से खुद पर उछाल कर देखो ।

आसमां में उड़ने वालो से हाथ मिलाये कैसे

आसमांन  में उड़ने वालो से हाथ मिलाये कैसे
पिंजरो में जो है बंद उनके पास भी जाये कैसे
बड़ा मन कुछ सुख दुःख कह लेने सुन लेने का
शोहरत,ताकत के शोर में कुछ भी सुनाये कैसे ।

टूटोगे तुम औ मुस्करायेंगे हम ।

निकल पड़ें जब भी आज़ाद झोंके  की तरह
हाँ शोर मचाएंगे और मशहूर हो जायेंगे हम
ये दस्तक है हमारी सुन लो गर बहरे न हो
वर्ना बेचैन करने वाला शोर बन जायेंगे हम ।

हमें मुर्दा समझते हो निकलेंगे मुट्ठिया बांधे हुए
तुम देखते रहना बदलाव का झंडा फहराएंगे हम
हमें राख समझा है अन्दर की चिंगारी नहीं देखा
हाँ देखोगे उदासी से जब शोला बन जायेंगे हम ।

अभी आगाज है अब भी आवाज सुन लो पेट की
अभी आगाज है अब भी आवाज सुन लो खेत की
अभी आगाज़ है फुटपाथो पर अब भी नजर कर लो
जब बिना आवाज़ के टूटोगे तुम औ मुस्करायेंगे हम ।

जिनके सामने सर झुकता है अदब से

जिनके सामने सर झुकता है अदब से
गर लोग इस कदर मगरूर हो जायेंगे
यकीन जानिए कितनी भी हो मुहब्बत
हम फैसले करने को मजबूर हो जायेंगे ।

सोमवार, 6 जुलाई 2015

सरकार सरकार

सरकार सरकार
जी सरकार
मेरी सरकार
जी सरकार
तेरी सरकार
जी सरकार
क्या सरकार
हाँ सरकार
कुछ कर दो सरकार
कर दिया जा
नहीं हुआ सरकार
कोई बार नहीं जा
नारा लगा और बटन दबा
फिर सरकार बना
जी सरकार
क्या सरकार
कुछ नहीं सरकार
बाबू ने पैसे लिए
काम हो गया सरकार
आप को वोट दिया
पर आप की नही चलती सरकार
चुप हो जा स्वार्थी
जी सरकार
कुछ पूछु सरकार
हाँ पूछ ढोल गंवार
आप बोले की
आप की सरकार
ये भी बोले की
हमारी भी सरकार
पर र र र
क्या अररर र मुह खोल
कुछ तो बोल
नहीं सरकार
मर जाऊंगा सरकार
बोल जल्दी बोल
वर्ना मरेगा
सरकार
आप तो कुछ नहीं
आप की बात भी नहीं
आप की कलम भी नहीं
आप बेकार
किस बात की सरकार
सब बेकार
न कोई सरकार
नौकर है सरदार
हाँ क्या सच है
फिर से बना सरकार
फिर देख सरकार
ना सरकार ना सरकार ।

ये दिल प्यार से भरा है

ये दिल प्यार से भरा है जगह खाली नहीं रही
अपनी नफरत को तुम खुद सम्हाल कर रखो |