रविवार, 23 अप्रैल 2017

जरूर जरूर कोई बहुत ही अपना था ।

रोटी थी कपड़ा और मकान अच्छा सा
जरूर जरूर ये कोई अपना सपना था
वो बिन पहचाने बगल से निकल गया
जरूर जरूर कोई बहुत ही अपना था ।

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