रविवार, 23 सितंबर 2018

सबको कल इस मिटटी में मिटटी हो जाना है ।

सो जाता हूँ आखिर कल भी तो सो जाना है
इस धरती से दूर कही अम्बर में खो जाना है
धरती पर चलते सोते खाट पे कुछ धरती पर
सबको कल इस मिटटी में मिटटी हो जाना है ।

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