रविवार, 21 जून 2015

क्या तब भी आप चुप रहोगे पापा ?

क्या तब भी आप चुप रहोगे पापा ?
जब ----------------------?
आप जो नेता हो ,आप जो पुलिस हो
आप जो समाज के बड़े हो, प्रशासक
पूछ रही है हम सभी की बेटियां
आज ही जब एक बार फिर
हैवानियत का शिकार हुयी
गाँव की दो गरीब बच्चियां
पर नहीं है कही शोर
न कही दिखती है मोमबत्तियां
न विजय चौक की वो भीड़
न वो नारे न वे चेहरे सारे
न टीवी की बहस न हंगामा
न वो महिला विमर्श के लिए
लड़ने का अभिनय करने वाले
सच शहर और गाँव में फर्क है
सच अमीर और गरीब में फर्क है
हाँ बहुत फर्क है
गरीब की और गाँव की इज्जत मे
अमीर की और शहर की इज्जत में
क्या कभी गाँव की बेटी के लिए
विजय चौक गरम नहीं होगा ?

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