दीपावली पर
बड़े शहरो मे
दुकानो पर
महंगी गाडिया
जगह
कम पड़ जाती है
और
दिये उदास
पडे रहते है
जमीन पर
गरीब
एक दिया भी
नही खरीद पाता है
सेंसेक्स और शेयर
उछल रहा है
और
सोना चाँदी भी
पर
एक और चीज
उछल रही है
किसानो और
बेकारो की
आत्महत्या की संख्या
सचमुच आज भी
एक ही देश मे दो है
एक
10 फीसदी इंडिया
वैभव से संपन्न
जिन्हे देख कर
तय होती है योजनाये
और आँकड़े
दूसरा
90 फीसदी भारत
बदहाल और उपेक्षित
मिली थी रात को
12 बजे आज़ादी
पर
90 फीसदी भारत
की जिन्दगी मे
आज भी अन्धेरा है ।
कौन लाएगा उजाला
भारत की जिन्दगी मे ।
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