हम दोनो खेलते थे
अपने बच्चो के साथ
चिड़िया उड़ तोता उड़
मैना उड़ घोडा उड़
उंगली उठा कर उड़ा देते थे
या उगली रखी रह जाती थी
हार जाता था कोई
घोडा हाथी उड़ पर
पर उस दिन
हार गये हम सब
उंगली नही
साथी ही उड़ गया
अनंत आकाश मे
देह को छोड़ कर
और
तब से चिडिया ने
उड़ना बंद कर दिया
उगली स्थिर हो गयी
जहा की तहा
तब से नही खेला
चिडिया उड़,मैना उड़ ।
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