पेड की डाले भी
अपने पेड को भी
घायल कर देती है
कभी कभी
जब चलता है
कोई तेज अंधड़
तो
सबसे ज्यादा
सबसे हल्के पत्ते
साथ छोड़ते है पेड का
फिर
हल्की डाले टूट कर
अलग हो जाती है
पर
ज्यादा मजबूत डाल
जो ज्यादा जुडी होती है
खुद लटक जाती है
और
साथ ही छील देती है
पेड के तने को भी
जिससे जुडी होती है वो
कई बार बहुत ज्यादा
मजबूत जुडी डाल तो
गिरती है तो
पेड को चीर देती है
बीचो बीच से
फिर पेड कमजोर हो जाता है
बच गया तो बच गया
वरना दूसरा तेज अंधड़
पेड को भी जमीदोज कर देता है
पेड की ये कहानी
जिन्दगी पर भी तो लागू होती है
और
इंसानी रिश्तो पर भी ।
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