मेरी बात --
अपने बच्चे
पिता के दर्द और तकलीफ में
क्या खूब संतुलन
बैठाती हुई बेटी
पिता के दुख में
मरहम लगाती हुई बेटी
दूर नौकरी की मजबूरी
फिर भी
भाग कर आती हुई बेटी
पिता के दर्द से
छटपटाती हुई बेटी
नौकरी , कैरियर
और
पिता की तड़प में
संतुलन बैठाता हुआ बेटा
पिता की तकलीफ को
कम करने को
फड़फड़ाता हुआ बेटा
अपनी नींद और भूख भूल
पिता ही पिता में
पूरा मन लगाता हुआ बेटा
नही हो धन दौलत
पद और प्रतिष्ठा
पर ऐसा पिता तो
कितना मालामाल है
होंगे उनके
और
उनके बच्चो के पास
धन, दौलत, पद
प्रतिष्ठा ,सब कुछ
पर
ये सब नही है
तो वो बाप
किस कदर कंगाल है ।
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