बारिश
बारिश नहीं आयी
उफ़्फ़ कितनी गरमी है
सूरज जला देगा क्या
ये बारिश क्या करेगी
आफ़त बन कर आयी है
सब कुछ बहा देगी क्या
देखो गिर गए
कितनो के कच्चे घर
और
झोपड़ियाँ भी जवाब दे गयी
अबकी बारिश समय पर आयी
और उतनी ही आयी
की अबकी खेत सोना उगलेंगे
अभी बारिश तो आफ़त है
भीग गया खेत और खलिहानों में सब
अब साल कैसे बीतेगा
कैसे होगी उसकी पढ़ाई और दवाई
कैसे ब्याहेगा वो बिटिया
बारिश आयी स्कूल की छुट्टी
छप्प छप्प करते वो पानी में
वो काग़ज़ की नाव बहाते
वो बचपन कितना प्यारा लगता है
उससे पूछो जो अभी है ब्याही
और पति सीमा पर बैठा
उन दोनो के मन की सोचो
और
वो दोनो भीग रहे है छत पर
दोनो देख रहे दोनो को
भीगा आँचल भीगा यौवन
दोनो को है कितना जलाए
वो मछरदानी पर प्लास्टिक बिछा रही है
बालटी भगौने सब बिस्तर पर सज़ा रही है
ख़ुद बैठी है पर बच्चों को
इस कोने और उस कोने कर
वो बारिश से बचा रही है
पूरी रात नहीं वो सोयी
सब झेला
पर कभी नहीं क़िस्मत पर रोयी
बारिश का मतलब उससे पूछो
जो पूरा घर अब सुखा रही है
बारिश तो अब ख़त्म हो गयी
चरो तरफ हरियाली छायी
फूलों से अब लदी डालियाँ
सबको ही अच्छी लगती है
भूल गए सब क्या झेला था
वो अच्छा या बहुत बुरा था
फिर जीवन पटरी पर आया
उफ़्फ़
ये बारिश कैसी बारिश ।
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