सोमवार, 16 दिसंबर 2024

जब अचानक तुम्हे देखा

जब अचानक तुम्हे देखा 
तो लगा कि 
जैसे बंद था अंधेरी कोठरी में अकेले 
और 
सूरज नहीं देखा था कब से 
अचानक तुम सामने खडे थे 
सूरज की रोशनी लिए 
चांद की ठंडक लिए 
तो दिल धक से रह गया 
और लगा कि विश्वास न करे 
और 
खुद की सांस रोककर 
खुद को एहसास करवाए 
कि हम जिंदा है 
और 
तुम्हे अचानक देखा तो लगा 
मैं बंद दरवाजे के पीछे 
सांस रोक कर खड़ा हूं 
और 
तुम्हारी पदचाप सुन रहा हूं 
जिसका इंतजार था कब से । 

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