कुछ लोग
संघर्ष करते है
जीवन भर
जीवन के लिये
और
एक छत के लिये
जो संघर्ष
खा जाता है
आधी जिन्दगी
कुछ लोग
संघर्ष करते रहते है
अपनी ही दीवारो से
अपनी बनाई छत से
बचे हुये जीवन भर
उनका जीवन जीवन कहा
बस संघर्ष होता है ।
पहचान उन सभी का मंच है जो जिंदगी को जीते नहीं जीने का निर्वाह करते है .वे उन लोगो में नहीं है जिन्हें जीवन मिला है या जीने का मकसद उनके साथ रहता है .बस जीने और घिसटने के बीच दिल वालो की कलम से और दिल से जो निकल जाता है वही कविता है .पहली कविता भी तों आंसू से निकली थी .आंसू अपने दर्द के हो या समाज के ,वे निकलेंगे तों कविता भी निकलेगी और वही दिलवालो की ;पहचान ;है
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