मंगलवार, 10 सितंबर 2024

आओ न कृष्णा

सुनो कृष्णा ! 

देख रहे हो तुम्हारे घर में क्या हो रहा है कृष्ण 
रोज़ सीताओं का अपहरण हो रहा है 
और रोज़ हर गली और मोड पर 
द्रौपदी का चीर हरण हो रहा है कृष्णा 

तब तो सिर्फ़ साडी खींचने पर तुम आ गए थे कृष्णा 
और 
बचा लिया था लाज द्रौपदी की 
पर अब कहा हो तुम कृष्णा 

क्या तुम्हें बलात्कार होती गोपियों का
आर्द्र स्वर सुनाई नहीं दे रहा है 
या कान बंद कर लिया है तुमने 

तब यमुना को जहरीला कर रहा था वो सर्प 
तो तुमने उसके फ़न नाथ दिए थे कृष्णा 
आज आकर देखो गंगा जमुना क्या हाल है 
क्या उन्हें तुम यो ही छोड दोगे कृष्णा 

कितनी महाभारत हो रही है भारत में 
पर तुम नहीं हो कृष्णा 
कहा सो रहे हो कृष्ण ? 
या 
ड़र गए हो कलियुगी लोगों से तुम भी कृष्णा? 
फिर तुम कैसे ईश्वर हो या हो अवतार  कृष्णा 

तुमने ही कहा था की जब जब 
पृथ्वी पर जुल्म बढ़ेगा, तुम आवोगे कृष्णा 
क्या तुम कह कर भूल गए कृष्णा 
या भूलने का नाटक कर रहो कृष्णा 

आओ न और फूक दो अपना शंख कृष्णा 
और 
दिखा दो चक्र सुदर्शन की ताक़त  पापियों के ख़िलाफ़ कृष्णा 

अगर अब भी नही आवोगे कृष्णा 
तो लोग तुमने अवतार और ईश्वर मानने से इनकार से कर देंगे कृष्णा 
और मान लगे की तुम सिर्फ़ 
किसी कथा के काल्पनिक पात्र भर हो कृष्णा 

तब क्या करोगे  कृष्णा ? 
आओ ना 
और बता दो की तुम सचमुच में हो कृष्णा ।

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