शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

कोई खामोश है, तों कोई परेशान है ,

1-
कोई खामोश है, तों कोई परेशान है ,
ख़ामोशी को सहना, नही आसान है
कुछ कहें तो चाहे नफ़रत से ही सही
वो भी तो किसी पर एक अहसान है |                                                                                              

2-जिसे भी छूता हूँ, वो टूट जाता है,
   कुछ भी कहता हूँ तों रूठ जाता है
   क्या करू मेरी किस्मत ही ऐसी है,
   जिसे भी चाहता हूँ वो छूट जाता है |

3-तमाम उम्र हम चलते रहे और लोग जलते रहे ,
    अब हम जलते जा रहे है लोग चलते जा रहे है |

4-आइये जिन्दगी  के नए  मायने तलाश करे ,
    दिल को जोड़ा तों फिर दिल पर विश्वास करे ,
    ऐसा क्या जुड़ना कि दिल ना करे  धक् धक्,
   आइये तन मन के अहसास का अहसास करे ,

5-आप भी गर अच्छे है तभी मिल पाते है जनाजा उठाने वाले,
   वो भी खुशकिस्मत होते है जिन्हें मिल जाते है जलाने वाले|
   जो गैर है अपने  नही उनको क्या देखना और क्या सोचना,
   आज कल ऐसे ही होते है मतलबपरस्त तमाम ज़माने वाले|

6-कोई  मेरे सोये दिल को जगाये तों कोई  बात बने ,
   कोई  मेरे घर में भी दीप जलाये तों कोई बात बने |
   बहुत दिन हो गया मैंने तों कोई खुशियाँ नही देखी ,
   दामन में कोई खुशियाँ ले  आये तों कोई बात बने |

7-अँधेरे मेरे घर के देखो दूर से ही दिखलाई पड़ते है,
   मेरे घर का अँधेरा  कोई भगाए तों कोई बात बने |
   सभी के घर बहुत रोशन, सभी के घर में  दिवाली  ,
   कोई मेरी भी दिवाली  मनवाए तों कोई  बात बने |