सोमवार, 21 मार्च 2022

हांके पर चलने वाली भेडे बनाओ

किसी भी तरह से 
सबको डराओ 
क्योकी 
जो नही डरते 
वो सत्ता के लिए 
खतरा बन जाते है 
और 
डरे हुये लोग 
गुलामी मान लेते है 
बस यूँ ही 
इसलिये ऐसे या वैसे 
कैसे भी 
आवाम को डराओ 
उन्हे जीता जागता 
इन्सान मत रहने दो 
उन्हे 
हांके पर चलने वाली 
भेडे बनाओ 
और फिर जैसा चाहो
वैसा राज चलाओ ।

सोमवार, 14 मार्च 2022

एक चांद उगा देंगे हम चाहे जहा कही


शाम ढली थी और थोडी सी रात हुयी 
बहुत दिनो के बाद चांद से बात हुयी ।
कुछ रूठा सा चाँद अकड के बैठ गया 
कितना निहारा करता था चन्दा को  मैं 
गाँव देहरी या शहर का का आंगन था 
पर जाने फिर क्या हुआ दोस्ती टूट गयी 
जीवन के संघर्ष या फिर टूटा मन था 
याद किसे आती है चांद सितारो की 
जब रोटी ही चांद दिखाई पडती हो 
और सितारे नमक मे पड़े  दिखते हो 
जब भूख पेट की ख़ुद से याचना करती हो 
बच्चो की फीस उन्हे अपमानित करती हो 
पत्नी की कोशिश फटी साड़ियाँ ढकने की 
जब पूरा दिन जब मुफ्त इलाज खा जाता हो 
जब धक्कों से ही अपने जीवन का नाता हो 
छत भी छीनने का खतरा सर पर लटका हो 
तो कौन देखता चांद तुम्हे और कब देखे 
तुमने भी क्या किया अपने इस प्रेमी का 
जो बड़े देवता बने हुये तुम फिरते हो 
नही शिकायत का हक तुमको बिल्कुल है 
कहा देखना था तुमको थे तुम याद कहा 
वो तो यूँ ही बस नजर उठ गयी ऊपर को 
कि बादल मे क्या चमक रहा है देखो तो 
आंख मिल गयी तुमसे तो तुम ऐंठ गये 
लेके किस्सा देखा देखी का बैठ गये 
जाओ जाओ हमको भी अब परवाह नही 
एक चांद उगा देंगे हम चाहे जहा कही 
अब तुम नही मेरे बच्चे है चांद मेरे
तुम भी हो पर मेरे बच्चो के बाद मेरे ।

रविवार, 13 मार्च 2022

सभी रंगों को मिला कर होली मनाओ

सभी रंग अपने है 
वो लाल हो ,केसरिया हो 
हरा हो या नीला 
बैगनी हो या पीला 
या जो भी हो 
जिसे जो पसंद 
वो लगालो 
दूसरे को पसंद 
तो उसपर भी डालो 
पर 
उसमें कोई खतरनाक चीज न हो 
और न इरादे हो खतरनाक 
जी हां खूब खेलो रंग और गुलाल 
पर न हो धरती खून से लाल 
ऐसा समाज बना लो 
जी हां 
ये इतने सारे रंगों का नाम ही 
हिंदुस्तान है 
जहा एक ही रंग है वो मिस्र ,अफगानिस्तान 
और पाकिस्तान है ।
क्या वो एक रंग पसंद है 
या ये हिंदुस्तानियत का रंगारंग 
आप गले मिलो 
पर नफरत के खंजर को फेंक कर आओ 
हां आओ सभी रंगों को मिला कर होली मनाओ

गुरुवार, 3 मार्च 2022

इसी को युद्ध कहते है ।

अजीब बात है 
दो देशो के जवान 
जो एक दूसरे को 
जानते तक नही है 
पहचानते नही है
कोई लड़ाई नही है 
उनकी आपस मे 
पर वर्दी पहन ली 
तो खूँन बहा रहे है 
एक दूसरे का 
जानी दुश्मन बन कर 
जी इसी को शायद 
युद्ध कहते है ।