रविवार, 27 फ़रवरी 2022

युद्ध की खेती

राम कृष्ण बुद्ध 
मुहम्मद और ईसा 
नही खत्म कर पाये 
मानव के विनाश का युद्ध
ईसा को छोड सब 
खुद भी तो युद्धरत रहे 
और बो गये 
भले बुरे के नाम पर 
युद्ध की खेती 
जो हजारो साल से
फैलती ही जा रही है 
कौन मिटायेगा 
हर भाषा से 
ये शब्द "युद्ध "?

युद्ध खत्म होगा

युद्ध खत्म होगा
और बैठ जायेगा
एक मेज पर 
हमेशा खत्म हुआ है 
कोई युद्ध नही चला 
अनंत काल तक
पर 
उसकी त्रासदी रहती है
अनंत काल तक 
मा पिता की आंख
सूनी रहती है 
अनंत काल तक 
पत्नी की मांग 
उजडी रहती है 
अनंत काल तक
बच्चो का सर 
बिना साये के रहता है 
अनंत काल तक 
मानवता ही नही 
लहू से सिंचित जमी 
रोती है अनंत काल तक ।

बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

जीवन मृगमरीचिका है

जीवन केवल मृग मरीचिका है 
विचार कुलांचे भरते रहते है 
रेगिस्तान के पानी के 
एहसास के साथ 
भागता रहता है इंसान 
और 
पानी के लिए तड़प 
दौड़ाती रहती है 
यहां से वहां तक
वहां से वहाँ तक ।
कोई साथी हो 
जो चिकोटी काट कर 
यथार्थ के धरातल पर उतार दे 
और 
वो भी नही है 
तो भटकन अनन्त है ।

सोमवार, 14 फ़रवरी 2022

हैपी वलेंटाइन डे

अकेले बैठे है 
पर
अकेले कहा 
दीवारें है 
और 
छत भी 
बिस्तर है 
और 
टीवी भी 
लैपटॉप को 
कैसे भुलाये 
इनमे से अपना 
वेलेंटाइन 
किसे बनाये 
किसको दे 
कोई फूल 
और 
कह दे धीरे से 
हैप्पी वेलेंटाइन डे ।

शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022

खुद की लाश ढोना

कुछ लाशे कितनी भारी होती है 
उठाना मुश्किल हो जाता है 
और 
बार बार कंधे बदलने पडते है 
या 
फिर गाडी पर ले जाना पडता है 
पर 
खुद की लाश को ढोना तो 
कितना मुश्किल होता है ।

गुरुवार, 3 फ़रवरी 2022

ये दिल हुवा वीरान सा क्यों है ।

भीड़ इतनी है आसपास पर 
मन में ये तूफ़ान सा क्यों है 
मुस्कराते हुए चेहरे है सब है
हर कोई अनजान सा क्यों है ।
कोई अपना सा लगा ही क्यों
फिर ये बियाबान सा क्यों है 
आशंकाए इतनी क्यों तारी है
मन में ये शमसान सा क्यों है ।
छोड़ कर लौट चला है आशिक
टूटा हुवा और बेजान सा क्यों है ।
कोई तो अपना सहारा भी होगा
ये दिल हुवा वीरान सा क्यों है ।