शनिवार, 19 मार्च 2016

जातियों के खंडहर में

जातियों के खंडहर में
विकास और भविष्य
तलाशते लोग
मुझे
कस्तूरी मृग जैसे लगते है
जिनमे है
बहुत कुछ दौड़ने को
और पा लेने को
मेहनत और मर्यादा से
उत्कंठा और संकल्प से
पर
बिना कुछ किये
सब पा लेने की चाहत
उन्हें पागल बनाये रहती है
देखें कब मिलती है
मृग को कस्तूरी
और ऐसी जातियों
को वो सब
जो वो ढूढ़ रहे है
नफरतें और छल
के हथियार लेकर |

सोमवार, 14 मार्च 2016

मुझे मेरी जिंदगी चुरा कर

मुझे मेरी जिंदगी चुरा कर
क्यों इतराता कोई खुदा है

ये सच है कंगाल हो गया मैं
पर खुदा तुझे भी क्या मिला
देख मैं तुझसेतेरे सामने
आँखे मिला कर जी रहा हूँ
और तू तिलमिला रहा है
क्यों तूने छीना मेरी जिंदगी
और क्यों साँसे छोड़ दिया फिर
बेरहम तू और तेरी खुदाई
देखा है और देखेगे भी
हम भी तो तेरे ही कुछ है
ऐसे माने
और तू ताकतवर है
कैसे माने
तू लौटा दे मेरी जिंदगी
मुझको सब कुछ दे दे मेरा
तब मानेंगे
वर्ना होगा तू कुछ
हम भी है कुछ
तू जान ले
या हमको जीवन दे दे
या फिर हमसे हार मान ले |



रविवार, 13 मार्च 2016

सालो साल नागो को मैं दूध पिलाता रहां
काट लिया तब जाना कितना जहरीला है ।