बुधवार, 30 अक्तूबर 2019

जिन्दगी फुटबाल है

एक उम्र के बाद 
आप 
उपयोगी नही होते 
किसी के लिए 
बल्कि 
लोगो की जरूरत 
होती है आप को 
तब !
क्या आप ने कभी 
फुटबाल खेला है 
हर खिलाडी 
फुटबाल को 
सरका देता है 
दूसरे की तरफ 
एक रणनीति से 
गोल करने की रणनीति 
पर 
जिन्दगी के मैदान पर 
लोग फुटबाल 
फेंकते रहते है 
दूसरे की तरफ 
बला समझ कर 
खेल का मैदान हो 
या 
जिन्दगी का 
फुटबाल पैरो से 
ठोकर खाने के 
ही काम आती है
और 
घिस जाने 
पुरानी हो जाने 
पर फेंक दी जाती है 
कूड़ेदान मे 
और 
हवा ही निकल जाये 
अनुपयोगी हो जाये 
तो कभी भी 
कूड़ेदान की चीज 
बन ही जाती है ।
इसलिए कुछ भी करो 
पर उपयोगी बने रहो ।

मंगलवार, 29 अक्तूबर 2019

एक ही देश मे दो है

दीपावली पर 
बड़े शहरो मे 
दुकानो पर 
महंगी गाडिया 
कम पड़ जाती है 
और 
दिये उदास 
पडे रहते है 
जमीन पर 
गरीब 
एक दिया भी 
नही खरीद पाता है 
सेंसेक्स और शेयर 
उछल रहा है 
और 
सोना चाँदी भी 
पर 
एक और चीज 
उछल रही है 
किसानो और 
बेकारो की 
आत्महत्या की संख्या 
सचमुच आज भी 
एक ही देश मे दो है 
एक 
10 फीसदी इंडिया 
वैभव से संपन्न 
जिन्हे देख कर 
तय होती है योजनाये 
और आँकड़े 
दूसरा 
90 फीसदी भारत 
बदहाल और उपेक्षित
मिली थी रात को 
12 बजे आज़ादी 
पर 
90 फीसदी भारत 
की जिन्दगी मे 
आज भी अन्धेरा है ।
कौन लाएगा उजाला 
भारत की जिन्दगी मे । 

बुधवार, 16 अक्तूबर 2019

कुछ सवाल है जो अनुत्तरित है

कुछ सवाल है
जो अनुत्तरित है
कुछ जवाब है
जो खुद
सवाल बन गए है
सिलसिला टूटता ही नही
न सवालो का न जवाबो का
क्रिया और प्रतिक्रिया जारी है
पर कही तो कोई दीवार होगी
या
होगा इस सफर का डेड एंड
जो रोक देगा क्रिया को
और प्रतिक्रिया को भी
और
फिर सब होगा शांत शांत ।