रविवार, 21 अप्रैल 2013

छुपी हुयी सिसकियाँ ।

कुछ लोगो को क्यों
घायल करते है अपने ही
पूरी शक्ति भर
पूरे सामर्थ्य भर
वे चाहे वो हो जिनपर
आश्रित होते है आप
चाहे वे हो जो
आपके ही टुकडे हैं 
आप कहा कहा घायल हैं 
आप भी नहीं जानते
बस रिस रहा है कुछ
हर तरफ से
जिसका इलाज नहीं
किसी के पास
हैं ,तो -----बस ------
छुपी हुयी सिसकियाँ ।

मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

हम गरजे बहुत और वो भी बरसे बहुत

हम गरजे बहुत और वो भी बरसे बहुत
हम तो चुप हो गए, वो भी चुप हो गए ।
जब वो गरजे बहुत हम भी बरसे बहुत
अब वो चुप रह गए हम भी चुप हो गए । 

जिंदगी में क्या किया, पैदा हुए खाया पीया मर गए

जिंदगी में क्या किया, पैदा हुए खाया पीया मर गए
या पैदा हुए,ये किया,वो किया और कुछ तो कर  गए 
जिए तो अपने लिए और मरे तो बस अपनों के लिए 
या कुछ देश,समाज औ इंसानियत के लिए कर गए ।

चमचे चुगलखोर दोनों महान है

चमचे चुगलखोर दोनों  महान है
वाह वाह देखो क्या इनकी शान है

भूखे नंगे थे ये अब करोडो वाले है
सभी को चूस गए मकड़ी के जाले है
बड़े बड़े ज्ञानी इनसे धोखा खा गए
ऐसी खास ताबीज गले में डाले है

जी हाँ सचमुच ये बहुत ही महान है



सोमवार, 1 अप्रैल 2013

बस तुम्हारे लिए, लेकिन

मैं चाँद पर चढूँगा तुम्हारे लिए 
चढूँगा भी, पर
अभी मेरे पैरों में दर्द है
मैं तारे तोड़ लाऊंगा
तुम्हारे लिए ,पर
हाथ थोड़े छोटे पड़ गए है
देखो मेरा दिल धडकता है
बस तुम्हारे लिए, लेकिन
मेरा दिल बहुत बड़ा भी तो है
इसलिए, इसमें समां गए है
बहुत से भांति भांति के लोग
चलना चाहता हूँ, सिद्धांतो पर
याददाश्त, कमजोर हो गयी है
याद ही नहीं रहे ,कोई सिद्धांत
मैंने तुमसे जो वादे किये थे न
वे भी मैं इसीलिए बार बार
भूल जाता हूँ
तुम बुरा मत मानो
मैं तो बहुत अच्छा हूँ
पर इन परेशनियो के कारण
ऐसा  हो गया हूँ
अब जैसा भी हूँ तुम्हारा या
बहुतो का ही हूँ ना
सब मिलकर मेरा कल्याण
करते रहो, क्योकि
तुम सब मेरे लिए हो, न
तुम सब नहीं बल्कि मैं
तुम सब की जिमेदारी हूँ ।
आओ अपना सब कुछ
न्योछावर कर दो मुझे
अपना अभीष्ट मान कर ।