शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

चमचे महान थे ,अब परेशांन है

चमचागिरी चुगलखोरी
ऊपर ऐसी सीना जोरी
राजनीती वाह वाह
चमचे महान है
करतबी इन्सान है
इन्सान है या नहीं
ये बड़ा सवाल है
ये बड़ा बवाल है
जहा कही कुछ मिले
सब चर जाते है
किसी का कुछ भी हो
अपने घर लाते है 
भूख नहीं मिटती है
निष्ठां नहीं टिकती है
मौसी हो मामा हो
सब ही शिकार है
बस पैसा प्यार है
राजनीती ही नहीं
रिश्ते भी व्यापार है 
चमचागिरी जिंदाबाद
चुगलखोरी जिंदाबाद
वफ़ादारी मुर्दाबाद
ईमानदारी मुर्दाबाद
राजनीती का हाल ये
खुद में सवाल ये
पर जवाब कौन दे
इसका हिसाब कौन दे
जो कान का कच्चा है
या मन का मजबूत है
जो सच्चा नेता है
देश का प्रणेता है
राजनीती सत्य हो
सत्य राजनीती हो
बस यही नीति हो ।
चमचे महान थे
अब वो परेशांन है
बस यही विधान है ।



मंगलवार, 20 नवंबर 2012

बड़े ही बेख्याल है, मेरे शहर के लोग

बड़े ही बेख्याल है, मेरे शहर के लोग
खुद में ही सवाल है मेरे शहर के लोग ।

भैये गुरु की आवाजें यहाँ गूंजती रहती
दोस्ती में मालामाल है मेरे शहर के लोग ।

कोई किसी का नहीं और सब सबके है
ये कैसा इंद्रजाल है मेरे शहर के लोग ।

दुनिया को प्रेम सिखाता है ताज का शहर 
नफ़रत से मालामाल है मेरे शहर के लोग ।

ये ताजमहल खा गया लाखो की रोटियां
पर ताज पर निहाल है मेरे शहर के लोग ।

पानी नहीं बिजली नहीं सड़कें नहीं यहाँ
पर खुश है खुशहाल है मेरे शहर के लोग ।

लूटे ,पिटे या गिर ही गए कोई गम नहीं 
चलते  ही मस्त हाल है मेरे शहर के लोग ।

पडोसी के घर डाका या बेटी ही उठ गयी
सुबह पूछते सवाल है मेरे शहर के लोग ।

चाट के दोनो और पीक से भर दिया शहर
हाँ साफ़ सुथरे लाल है मेरे शहर के लोग ।

जुम्मन या रामलाल की बेटी पर चटकारे
हर वक्त रंग गुलाल है मेरे शहर के लोग ।

वोट दिया जाति धर्म या खास वजह से
क्यों  पूछते सवाल है मेरे शहर के लोग ।

चलो तय करे सचमुच बदलेंगे शहर को
पर इसमें सुस्त हाल है मेरे शहर के लोग ।

क्या क्या कहूँ क्या न कहूँ अपने शहर को
मेरे है और मेरी ढाल है मेरे शहर के लोग ।

जिसे भी अपना मान दिल में जगह दे दिया
बने वही जी का जंजाल है मेरे शहर के लोग ।

कवाब ,भंग या शराब संग मस्ती में रहना है
खजाने का करते ख्याल है मेरे शहर के लोग ।

मेरा शहर तो हर  वक्त बस झूमता रहता 
जी हाँ खुद में सुर ताल है मेरे शहर के लोग ।

नाले है घर में बह रहे या घर ही बना नाला
जी हाँ तलैया और ताल है मेरे शहर के लोग ।