बड़े ही बेख्याल है, मेरे शहर के लोग
खुद में ही सवाल है मेरे शहर के लोग ।
भैये गुरु की आवाजें यहाँ गूंजती रहती
दोस्ती में मालामाल है मेरे शहर के लोग ।
कोई किसी का नहीं और सब सबके है
ये कैसा इंद्रजाल है मेरे शहर के लोग ।
दुनिया को प्रेम सिखाता है ताज का शहर
नफ़रत से मालामाल है मेरे शहर के लोग ।
ये ताजमहल खा गया लाखो की रोटियां
पर ताज पर निहाल है मेरे शहर के लोग ।
पानी नहीं बिजली नहीं सड़कें नहीं यहाँ
पर खुश है खुशहाल है मेरे शहर के लोग ।
लूटे ,पिटे या गिर ही गए कोई गम नहीं
चलते ही मस्त हाल है मेरे शहर के लोग ।
पडोसी के घर डाका या बेटी ही उठ गयी
सुबह पूछते सवाल है मेरे शहर के लोग ।
चाट के दोनो और पीक से भर दिया शहर
हाँ साफ़ सुथरे लाल है मेरे शहर के लोग ।
जुम्मन या रामलाल की बेटी पर चटकारे
हर वक्त रंग गुलाल है मेरे शहर के लोग ।
वोट दिया जाति धर्म या खास वजह से
क्यों पूछते सवाल है मेरे शहर के लोग ।
चलो तय करे सचमुच बदलेंगे शहर को
पर इसमें सुस्त हाल है मेरे शहर के लोग ।
क्या क्या कहूँ क्या न कहूँ अपने शहर को
मेरे है और मेरी ढाल है मेरे शहर के लोग ।
जिसे भी अपना मान दिल में जगह दे दिया
बने वही जी का जंजाल है मेरे शहर के लोग ।
कवाब ,भंग या शराब संग मस्ती में रहना है
खजाने का करते ख्याल है मेरे शहर के लोग ।
मेरा शहर तो हर वक्त बस झूमता रहता
जी हाँ खुद में सुर ताल है मेरे शहर के लोग ।
नाले है घर में बह रहे या घर ही बना नाला
जी हाँ तलैया और ताल है मेरे शहर के लोग ।
खुद में ही सवाल है मेरे शहर के लोग ।
भैये गुरु की आवाजें यहाँ गूंजती रहती
दोस्ती में मालामाल है मेरे शहर के लोग ।
कोई किसी का नहीं और सब सबके है
ये कैसा इंद्रजाल है मेरे शहर के लोग ।
दुनिया को प्रेम सिखाता है ताज का शहर
नफ़रत से मालामाल है मेरे शहर के लोग ।
ये ताजमहल खा गया लाखो की रोटियां
पर ताज पर निहाल है मेरे शहर के लोग ।
पानी नहीं बिजली नहीं सड़कें नहीं यहाँ
पर खुश है खुशहाल है मेरे शहर के लोग ।
लूटे ,पिटे या गिर ही गए कोई गम नहीं
चलते ही मस्त हाल है मेरे शहर के लोग ।
पडोसी के घर डाका या बेटी ही उठ गयी
सुबह पूछते सवाल है मेरे शहर के लोग ।
चाट के दोनो और पीक से भर दिया शहर
हाँ साफ़ सुथरे लाल है मेरे शहर के लोग ।
जुम्मन या रामलाल की बेटी पर चटकारे
हर वक्त रंग गुलाल है मेरे शहर के लोग ।
वोट दिया जाति धर्म या खास वजह से
क्यों पूछते सवाल है मेरे शहर के लोग ।
चलो तय करे सचमुच बदलेंगे शहर को
पर इसमें सुस्त हाल है मेरे शहर के लोग ।
क्या क्या कहूँ क्या न कहूँ अपने शहर को
मेरे है और मेरी ढाल है मेरे शहर के लोग ।
जिसे भी अपना मान दिल में जगह दे दिया
बने वही जी का जंजाल है मेरे शहर के लोग ।
कवाब ,भंग या शराब संग मस्ती में रहना है
खजाने का करते ख्याल है मेरे शहर के लोग ।
मेरा शहर तो हर वक्त बस झूमता रहता
जी हाँ खुद में सुर ताल है मेरे शहर के लोग ।
नाले है घर में बह रहे या घर ही बना नाला
जी हाँ तलैया और ताल है मेरे शहर के लोग ।
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