शुक्रवार, 23 नवंबर 2012

चमचे महान थे ,अब परेशांन है

चमचागिरी चुगलखोरी
ऊपर ऐसी सीना जोरी
राजनीती वाह वाह
चमचे महान है
करतबी इन्सान है
इन्सान है या नहीं
ये बड़ा सवाल है
ये बड़ा बवाल है
जहा कही कुछ मिले
सब चर जाते है
किसी का कुछ भी हो
अपने घर लाते है 
भूख नहीं मिटती है
निष्ठां नहीं टिकती है
मौसी हो मामा हो
सब ही शिकार है
बस पैसा प्यार है
राजनीती ही नहीं
रिश्ते भी व्यापार है 
चमचागिरी जिंदाबाद
चुगलखोरी जिंदाबाद
वफ़ादारी मुर्दाबाद
ईमानदारी मुर्दाबाद
राजनीती का हाल ये
खुद में सवाल ये
पर जवाब कौन दे
इसका हिसाब कौन दे
जो कान का कच्चा है
या मन का मजबूत है
जो सच्चा नेता है
देश का प्रणेता है
राजनीती सत्य हो
सत्य राजनीती हो
बस यही नीति हो ।
चमचे महान थे
अब वो परेशांन है
बस यही विधान है ।



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