सोमवार, 27 अप्रैल 2015

घूस नहीं दोगे तो कानून बता देंते है

घूस नहीं दोगे तो कानून बता देंते है
मुह माँगा दे दो तो कानून बना देते हैं

इस व्यवस्था में कोई भी काम हो जायेगा

इस व्यवस्था में कोई भी काम हो जायेगा
हाकिम की कीमत जान लो,जेब भारी हो
क्या गलत क्या सही ये तो किताबी बाते है 
हर कोई बिकने को तैयार है बस तैयारी हो ।

खुली अर्थ व्यवस्था की बयार क्या चली

खुली अर्थ व्यवस्था की बयार क्या चली
घर और दफ्तर सब ही दूकान हो गए |

शनिवार, 25 अप्रैल 2015

कोई मज़ार पर चादर चढ़ा वहां राजधर्म निभा रहा

कोई मज़ार पर चादर चढ़ा वहां राजधर्म निभा रहा
और कोई मंदिर जाकर वहां भी राजनीती चला रहा
पर जिसके कारण है आज किसी लायक बने हैं सब
उस दरिद्रनारायण के पास आज कोई नहीं जा रहा।