मुनादी हो गयी है
कि
घर से बिल्कुल न निकले
फिर भी निकले
तो जिम्मेदारी आप की है
क्योकी
लाठी ,बदूके लिए सत्ता खडी है
जेल के फाटक अब खुलेंगे
देश की जनता की खातिर
किया होगा गांधी ने सत्याग्रह या प्रदर्शन
पर गांधी नही
गोडसे ही खड़ा है
चुकी अब ये सत्ता मे है
इसलिए ये जनता से बडा है
लोकतंत्र और आज़ादी
या संविधान ये क्या जाने
उसे ये क्यो माने
जब दी जा रही थी
कुर्बानियां इनकी खातिर
तो
ये गांधी के खिलाफ खड़े थे
अब भी जेहन वही है
अब भी इनका मन वही है
भूल मत जाना जलियावाला
और भी सब
सत्ता के पास अब भी ताकत वही है
वर्दी और बन्दूके वही है
मुनादी हो गयी है
मुह अब हर्गिज न खोले
और
कलम भी तोड दे सब
वरना !
मुनादी हो गयी है ।