बुधवार, 27 सितंबर 2023

सुना है की मरने के बाद आत्मा भटकती है

सुना है की मरने के बाद 
आत्मा भटकती है 
कर्म के अनुसार 
पता नही किस किस योनि में 
कीड़े मकोड़े से लेकर सांप तक 
पर मरने से पहले भी 
कुछ इंसान भटकते है 
आर एस एस, भाजपा हिंदू परिषद में 
दोनो में कोई अंतर नही है 
दोनो बस भटकते है 
और
भटकते ही रहते है 
परेशान हाल बेवजह
बर्बाद करने को खुद को 
और 
मानवता तथा समाज को ।।

शनिवार, 16 सितंबर 2023

मेरी राहो में कांटे जिसने भी बिछाये

मेरी राहो में कांटे 
जिसने भी बिछाये 
जब वो मेरे पांव में चुभे 
और 
जोर से चीखा मैं दर्द से 
जरूर उनके कानो के 
परदे भी हिले होंगे
और दुख रहे होंगे अभी तक 
दोस्त 
मेरा घाव शायद जल्दी भर जायेगा 
क्योकी बेजान कांटे से हुआ है 
पर तुम्हारा नहीं भर पायेगा जल्दी 
क्योकि 
इंसानी चीख से घायल हुए हो तुम ।
इंसान की जब भी निकलती है चीख 
या कराह 
वो छलनी कर देती है अंदर तक 
और दीखती भी नहीं 
पर 
अचेतन में हथौड़े की तरह 
चोट करती रहती है जिंदगी भर ।

शुक्रवार, 15 सितंबर 2023

पसर जाता है सन्नाटा

मेरी कविता -

जब और जितनी बार भी 
अपने घर लौटता हूँ 
और 
दरवाजा खोलता हूँ 
बिजली सी कौंध जाती है 
और 
दीवारो पर बन जाती है 
अंनगिनत तस्वीरें 
और 
मन का बादल बरस उठता है ।
लहरो पर तैर जाती है 
यादो की कितनी कागजी नावें 
और कागज की नाव 
तो कागज की ही होती है 
खो जाती है अथाह पानी में 
और 
पसर जाता है सन्नाटा
दीवारो से छत तक 
और 
बैठक से बिस्तर तक ।

शुक्रवार, 8 सितंबर 2023

जीवन पानी और बालू में कही खो गया ।

मैं कूद गया जीवन की नदी में 
और 
नदी का पानी सड़क पर जा पहुंचा 
नदी खाली हो गई 
सड़क नदी बन गई 
जीवन पानी और बालू में कही खो गया ।