रविवार, 3 फ़रवरी 2013

दीवारे भी साथ छोड़ देती है उनका ।

कुछ लोग, अकेलापन ढूढने को
भटकते है, कहा कहा और
आनंदित होते है, उसे पाकर
अपने अपने हालात में
पर कुछ, अकेलेपन से डर जाते है
आतंकित होने की हद तक
और शायद यही आतंक
उन्हें और उनके वजूद को, समझ को
झकझोर देता है, इतनी बुरी तरह
की वे, हर पेड़ पौधे,हर दीवार को
पकड़ने की कोशिश करने लगते है
वहशियाना अंदाज में
हाथ कुछ नहीं आता उनके
सिवाय अकेलेपन के, और
दीवारे भी साथ छोड़ने लगती है, उनका ।