शनिवार, 24 मई 2014

कोई जिंदगी से क्या गया कि नीद भी साथ ले गया ।

१-कोई जिंदगी से क्या गया
  कि नीद भी साथ ले गया ।


२-
कहा हो तुम कहते थे, अब कोई नहीं
पर देखो लोग तुमसे मुझे छीन रहे है ।


३-

देखो हमारी अनुभुतियां बड़ी हो गयी
मैं ,तुम नहीं पर पैरो पर खड़ी हो गयी ।


४-

देखो ये आँखों का पानी आंसू तो नहीं है
कुछ गिर गया इसमें और बह रहा है वो ।


५-

मैं सोने की कोशिश करता हूँ, तुम्हे भूलकर
तुम्हे गलतफहमी है की तुम ही मेरी नीद हो ।


६-

साथ चलने का वादा गर दोनों ने ही निभाया होता
तो चिता दोनों की ही ज़माने ने साथ सजाया होता ।


७-

दोनों साथ गए होते दोनों ही साथ रोते
अनुभूतिया मिट जाती जिंदगी को ढोते ।


८-

देखो मजाक बहुत हो गया तुम कहा हो अब आवाज तो दो
मैं तो वही हूँ जहा तुम छोड़ गए थे अपनो के साथ देखो तो ।


९-

मैं अब हार रहा हूँ कर्त्तव्य निभा नहीं पाया
अकेला हो अपनों को राह दिखा नहीं पाया ।


१०-

अच्छा थक गए न अब तुम आराम करो
अपनी सारी तकलीफे मेरे ही नाम करो ।


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