बुधवार, 20 जून 2018

क्या दुनिया से जाने के बाद सुनाई नहीं पड़ता

सुनो !
सुनो ना
क्यों नहीं सुनते हो
क्या दुनिया से जाने के बाद
सुनाई नहीं पड़ता
और
दिखाई भी नहीं पड़ता
कि
कोई कितना परेशांन है
कभी भी जवाब नहीं देते हो
पुकार पुकार कर थक गया मैं
न दिखते हो ,न बोलते हो
तो
अब मैं भी क्यों बोलू
चलो मैं भी बेवफा हो जाता हूँ
तुम्हारी ही तरह
और भूल जाता हूँ तुम्हे
अब
मैं भी क्यों बोलू
क्यों पुकारूँ
थक गया हूँ पुकार पुकार कर
जब तुम्हे मेरी कोई चिंता नहीं
तो मैं ही क्यों करूँ
पर जरूर
तुम्हारी कोई मजबूरी होगी
वर्ना ऐसी तो नहीं थी तुम
कैसे भूल जाऊं तुम्हे
और
कैसे पुकारना बंद कर दू
पता नहीं कब चमत्कार हो जाये
और
आ खड़े हो तुम सामने
चलो अभी तुम भी सो जाओ
और मैं भी
जरी रहेगा ये जद्दोजहद
पाने और खोंने के बीच संघर्ष का
जो सच है वो सच ही रहेगा
पर उम्मीद और सपने
जीने की उमंग भरे रहते है

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