घर से जाते जाते भी
पापा की
कितनी चिंता करती है
बेटियाँ
की
क्या कहा रखा है ,
क्या क्या
कैसे कैसे
कर लीजियेगा ,
क्या खा लीजियेगा
इत्यादि इत्यादि ।
मन और आंखे
भिगो देती है बेटियाँ
और
खुद पर
पता नही कैसे
काबू रख पाती है
बेटियाँ
या फिर
आंखे छुपा लेती है
बेटियाँ ।
पापा की
कितनी चिंता करती है
बेटियाँ
की
क्या कहा रखा है ,
क्या क्या
कैसे कैसे
कर लीजियेगा ,
क्या खा लीजियेगा
इत्यादि इत्यादि ।
मन और आंखे
भिगो देती है बेटियाँ
और
खुद पर
पता नही कैसे
काबू रख पाती है
बेटियाँ
या फिर
आंखे छुपा लेती है
बेटियाँ ।
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