घर मे परिवार होता है
तभी वो घर होता है
वर्ना तो बेजान दीवारे है
जिनमे आप कैदी है
पर
घर मे कोई छोटा सा बच्चा हो
और
बन जाइये बच्चा उसके साथ
वाह
क्या जिंदगी हो जाती है
फिर मिल जाती जिंदगी
और
बचपन पोंछ देता है सारे गम
सारी तकलीफे , बीमारी और वेचारगी
बन गया हूँ मैं बच्चा आजकल
सचमुच खूब जी रहा हूँ मैं
भरपूर जी रहा हूँ मैं
चुरा लेना चाहता हूँ खुशिया
और इसकी यादे
अगली बार फिर मिलने तक के लिए ।
आह जिंदगी वाह जिंदगी ।
बच्चा बन कर देखिये
बच्चो से प्यार करिये
खुद को बूढा मानने से इनकार करिये ।
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