घर की चारदीवारी मे
कैद रहने पर
लगता है कितना अकेलापन
सडक पर निकल पडे
तो
दीखने और मिलने लगे
हजारो लोग अपने ही ।
इसलिये तोड दी दीवार की सीमाये
निकल पडे
फिर
सब जग अपना लगा
शामिल हो गये
लोगो के दुख मे
और सुख मे भी
और
भूल गये
की
दुख भी कुछ होता है
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