सोमवार, 5 अप्रैल 2021

डमरू मदारी और बन्दर

डमरु मदारी और बंदर 
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इधर कुछ साल पहले तक
पता नहीं क्या हो गया 
कि
मदारी दिखने बंद हो गए थे 
क्या उनको नचाने को 
बंदर नहीं मिल रहे थे ?
या दर्शकों ने 
देखना बंद कर दिया था ?
अब समस्या दूर हो गयी है 
बंदर काफ़ी मिल गये है 
और 
दर्शक तो हमेशा से है ही 
जो तटस्थ है । 
बजा डमरु बजाओ ताली 
बंदरिया 
जी मालिक 
नाच दिखाएगी 
हा दिखाऊँगी 
क्या कह रही है 
पहले पैसे फेंको
अरे अब क्यों रुठी है 
पैसे कम आए 
मेहरबान और फेंको 
फिर तमाशा देखो 
डमरु बजने लगता है 
और 
अभ्यस्त बंदर बंदरिया 
खेला दोहराने लगते है 
वही पुराना वही बासी सा 
फिर भी 
डमरु की आवाज पर 
नाचना ही नियति है 
बंदरों का आज तक ।

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