बुधवार, 14 जुलाई 2021

आसमान कुछ कह रहा है

आसमान कुछ कह रहा है 
अपनी बोली अपनी भाषा में 
ज़रा सुनिए इसका गीत 
इसका संगीत 
कितना मनभावन है 
कितना शीतल है 
इंतज़ार था इसी का 
कितने दिन से 
पृथ्वी को और हमको भी 
कि 
बादल झूम कर आए 
खूब झूम कर गाए 
हम सब झूम कर नहाए 
और पृथ्वी भी तृप्त हो जाए । 


कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें