मंगलवार, 11 जनवरी 2022

कन्धे पर बोझ

पीठ पर बोझ टाँगे 
वो भटकता है 
सुबह से शाम तक 
इस दरवाजे से 
उस दरवाजे तक 
लोगो की चीजे पहुचाते 
डांट खाते 
देर होने पर 
अपना पैसा कटवाते 
डांट खाता है 
घर वालो की भी 
देर हो जाने पर 
और उस दिन का 
घर का सामान नही लाने पर 
और पैसा कट गया 
किसी की शिकायत पर 
ये भी बताने पर 
सो जाता है 
पेट मे डांट पचा कर 
क्योकी 
कल सुबह फिर निकलना है 
कन्धे पर घर की
जिम्मेदारियो का बोझ लेकर ।

कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें