गुरुवार, 19 जनवरी 2023

स्वेटर जो तुमने बुना था

स्वेटर 
तुमने बुना था अपने हाथ से वो सफेद स्वेटर 
उसे आज भी पहनता हूं मैं 
सबसे ज्यादा गर्म है वो स्वेटर 
जिसका फंदा डालते वक्त तुमने कुछ नापा था
और फिर गिनकर डाल दिए थे उतने ही फंदे
वो सलाई थी जो बुन रही थी स्वेटर 
या तुम्हारी जिद मुझे ठंड से बचाने की 
तुमने नाप लिया था शरीर नीचे से ऊपर 
और आगे से पीछे 
नही नापते तब भी स्वेटर सही ही बनता
आज मैं सबसे ज्यादा पहनता हूं वही स्वेटर 
ऊन नही तुम्हारी गर्मी भरी है इस स्वेटर में 
अभी भी पहन रखा है मैने वही सफेद स्वेटर 
लगता है तुमने कस कर जकड़ रखा है मुझे 
अपनी बाहों के घेरे में 
हां बहुत सम्हाल कर रखता हूं मैं ये स्वेटर 
और कोशिश करता हूँ 
कि जिंदगी के अंतिम दिन तक पहनू
मैं तुम्हारा बनाया हुआ सफेद स्वेटर 
तुम जहा भी हो क्या देख पाते हो अपना स्वेटर
या महसूस करते हो मेरे शरीर की गर्माहट 
क्या खुश हो पाते हो
कि मैने स्वेटर को 
ये  समझ कर पहन रखा है हर वक्त 
ये स्वेटर नही हैं तुम हो 
और तुम्हारी महक भी है इसमें 
याद तो गई ही नहीं कभी 
कि इसे तुम्हारी याद कहूं।
इसकी छुवन रोमांचित करती रहती हैं मुझे 
हां मैंने पहन रखा है वही सफेद स्वेटर।

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