सबको बताया
कि
आज से बिना इजाजत कोई मुंह नही खोलेगा
और
अगर खोलेगा तो केवल सत्ता के स्वर में ही बोलेगा
अगले दिन राजा के दरबार में एक कुत्ता लाया गया
उसपर बिना इजाजत मुंह खोलने और सत्ता के स्वर में न बोलने का इलाज लगाया गया
हाकिम ने पूछा कि तूने मुंह क्यों खोला
और सत्ता के स्वर में क्यों नही बोला
कुत्ता बोला हुजूर मैं कुत्ता हूं
जब भी बोलूंगा अपने स्वर में ही बोलूंगा
भारत का सुपारी मीडिया और डरा हुआ आदमी नही हूं जो सत्ता के स्वर में बोलने लगूंगा ।
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