सोमवार, 27 फ़रवरी 2023

युद्ध की त्रासदी "

मेरी कविता -
"युद्ध की त्रासदी "

युद्ध खत्म होगा
और बैठ जायेगा
एक मेज पर 
हमेशा खत्म हुआ है 
कोई युद्ध नही चला 
अनंत काल तक
पर 
उसकी त्रासदी रहती है
अनंत काल तक 
मा पिता की आंख
सूनी रहती है 
अनंत काल तक 
पत्नी की मांग 
उजडी रहती है 
अनंत काल तक
बच्चो का सर 
बिना साये के रहता है 
अनंत काल तक 
मानवता ही नही 
लहू से सिंचित जमी 
रोती है अनंत काल तक ।

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