रविवार, 29 अक्तूबर 2023

ज़िंदगी सिर्फ़ तुम्हारी नहीं

जिन्दगी सिर्फ तुम्हारी नही 

लोग आत्महत्या कैसे कर लेते है 
कितना तकलीफदेह होता है 
जान कर जान देना
जहर पिया तो उसका डर 
गोली चलाने मे कांपते हाथ 
और 
उसके दर्द का एहसास 
नस काटी तो दर्द 
और 
बहते खूँन की दहशत 
और 
फासी लगाया तो कितनी हिम्मत 
गर्दन लटक जाने 
सांस घुट जाने की तकलीफ ।
कैसे हिम्मत आती है 
और 
कर लेने के बाद 
आखिरी क्षणो मे 
सब किया वापस हो जाये
का ख्याल आता है क्या 
क्या तब जिन्दगी से
प्यार महसूस होता है ?
क्या तब इच्छा होती है 
कि 
लड़ले अंतिम लडाई पर ये नही ।
क्या ये क्या वो 
पर ये सब बतायेगा कौन ?
न ये न वो ।
और 
पीछे छूटो का दर्द
असहाय स्थिति
अनिश्चित कल 
और 
मौन मौन बस मौन ।
मत करो ऐसा 
जिसका कोई जवाब नही 
जिसका कल कोई हिसाब नही ।
लडो और खूब लडो 
क्योकी जिन्दगी सिर्फ तुम्हारी नही 
अपनो की भी अमानत है ।

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