पृथ्वी जोर से हिली
समुद्र की नीद टूट गयी
गुस्सा हो गया समुद्र
गुस्से में जोर से साँस लेने लगा समुद्र
उसकी सांसे भारी पड़ गयी पृथ्वी को
और पृथ्वीवासियों को भी
चारो तरफ जलजला ,मौत और तबाही
कुछ करो की फिर पृथ्वी ना हिले
जरूरत पर हिले तो इतने जोर से ना हिले
समुन्द्र की नीद ना टूटे ,क्रोधित ना हो समुन्द्र
अभी तो थोडा सा क्रोधित हुआ है तब ये हाल है
पूरा समुन्द्र क्रोधित हो गया तो पृथ्वी का क्या होगा
क्या होगा पृथ्वी पर रहने वालो का
आओ बचालें पृथ्वी को ,समुन्द्र को और मानवता को |
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