मंगलवार, 11 अक्तूबर 2016

जयप्रकाश

जयप्रकाश जयप्रकाश रट रट के लोग यहाँ
देश के प्रधान और मंत्री बन आये  थे,
साथ साथ चीखते थे क्रांति क्रांति उनके वे
चौहत्तर में क्रांति का शंख जो बजाये थे
समझी थी जानता कुछ भला करे देश का ये
इसीलिए वोट उनको ही डाल आये थे,
पर पता चला की एक सत्ता को हटा के यारो
सत्तालोलुपो  की पूरी फ़ौज ले आये थे  ।
(1977  में लिखा था ये मैंने )

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