गुरुवार, 3 जनवरी 2019

बेचारा हिरन ।

कभी कभी
कोई दर्द
अचानक
आप को
कितना
बेचैन कर देता है
खाने भी नही देता
और
सोने भी नही देता
और
कितना जगा देता है
रात तक
या
पूरी रात
और
बेचारे निरीह
उस
हिरन की तरह
जिसे
बाण लगा हो
या लगी हो गोली
और
वो
पलट कर
उसी को
चाटता है
अज्ञानता से
बिना जाने
की
ये
उसकी मौत है
बेचारा हिरन
और
बेचारा
अगर
भावुक इंसान हो
तो बोली
गोली से ज्यादा
लगती है न
कितना दर्द देती है
सहा भी नही जाता
रहा भी नही जाता ।
खैर
वेचारा हिरन ।
और बेचारा
??..????

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