ऐसे चित्रो से डर लगता है
ऐसे ही बहुत से चित्र
तो देखे थे हमने
तालिबान के यहाँ के
इसी रंग के कपड़ो मे
जिनकी गर्दने रेत रहे थे
ऐसे ही मासूम बच्चे
और
वो सब मुल्क
जहा ऐसे चित्र दिखे
चीथड़ों से दिख रहे है
वीरान खंडहर वाले भुतहा
भागते हुये लोग
चीखते हुये लोग
कटते और धमाको मे
उडते हुये लोग
चारो तरफ
शोर ही शोर
धुवा ही धुवा
लाशे ही लाशे
और खंडहर मे
तब्दील हो गए
वो खूबसूरत शहर
लाशो मे तब्दील वो
खूबसूरत शक्ले
चीखो और धमाको मे तब्दील
वो अच्छी आवाजे
सचमुच
बहुत डर लगता है
ऐसे चित्रो से
वो चाहे जिसके हो
और चाहे जहा
चाहे जिसने खीचे हो
मत बनाओ ऐसे चित्र
इन बच्चो के हाथो मे
थमाओ किताबे
खेलने की चीजे
और
बजाने को वाद्ययंत्र
लोहे से बनी ये किताबे
इन्हे मत पढावो
लोहे के ये वाद्ययंत्र
इनसे मत बजवावो
इन्हे इन्सांन ही रहने दो
इन्हे मौत बेचने वाला
शैतान मत बनाओ
बहुत डर लगाता है
इन चित्रो से अब ।
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