रविवार, 3 जनवरी 2021

बेचारा हिरन

कभी कभी 
कोई दर्द
अचानक 
आप को
कितना 
बेचैन कर देता है 
खाने भी नही देता
और 
सोने भी नही देता 
और
कितना जगा देता है 
रात तक 
या 
पूरी रात 
और 
बेचारे निरीह 
उस
हिरन की तरह 
जिसे
बाण लगा हो 
या लगी हो गोली 
और 
वो 
पलट कर 
उसी को 
चाटता है 
अज्ञानता से
बिना जाने 
की 
ये 
उसकी मौत है 
बेचारा हिरन 
और 
बेचारा
अगर 
भावुक इंसान हो 
तो बोली
गोली से ज्यादा 
लगती है न 
कितना दर्द देती है
सहा भी नही जाता 
रहा भी नही जाता ।
खैर 
वेचारा हिरन ।
और बेचारा 
??..????

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