दिल्ली की सीमाओ पर
गांधी खुद खड़े है
गांधी जी के हत्यारे हत्प्रभ है
कि
वो अभी तक जिन्दा कैसे
और
फिर मारने की ताक मे है
गांधी जी से नफरत करने वाले
उन्हे असफल कर देना चाहते है
पर गांधी तब नही हारे
तो
अब क्या हारेंगे
जब फैल गये है
पूरी दुनिया मे
इंसानियत का सूर्य बन कर
इन्कलाब की आवाज बन कर
अहिंसा का मंत्र बन कर
सत्याग्रह का हथियार बन कर ।
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