सोमवार, 23 अगस्त 2021

जिंदगी तब हो जाती है हसीन ।

तन है ,मन है और मस्तिस्क 

शरीर है ,दिल है और दिमाग 

दोनों एक ही है 

तन की तड़प अपनी है 

मन की तड़प अपनी है 

और मस्तिस्क की अपनी 

शरीर, दिल और दिमाग की 

भी यही ,दोनों एक है ना ,

शरीर कुछ चाहता है 

मन रोक नहीं पाता 

और मस्तिस्क भी 

मन कुछ चाहता है 

और शरीर साथ नहीं देता 

मस्तिस्क विद्रोह कर देता है 

कभी कभी 

मस्तिस्क रास्ते तय करता है 

मन विचलित हो जाता है 

और शरीर अलग चला जाता है 

लड़ते रहते है तीनो ज्यादातर 

कभी कभी ही तीनो एक ही 

दिशा में चलते है 

और जिंदगी तब हो जाती है हसीन ।

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