बाते बस बाते बनाये जा रहे है
सभी को बस सताए जा रहे है
जहन्नुम जिंदगी को कर दिया है
बेशरम मुस्कराये जा रहे है
वादे क्या किये थे तब सभी से
अब जुमले बताये जा रहे है
कोविड से तो लाखो मर गये थे
ये तो भाषण सुनाये जा रहे है
लाखो मजदूर निकले थे घरो से
उन पर डंडा बजाये जा रहे है
चेहरे पर शिकन इनके कहा है
मौत के वजहें गिनाये जा रहे है
गांधी को रोशनी दुनिया ने माना
ये गोडसे को चमकाए जा रहे है ।
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