संजय दत्त हो या आर्यन
सब परिवारों मे
समय न होने
आपसी बातचीत
और
आपसी विश्वास नही होने
बड़े और समाज तथा
कानून से बड़े होने के
एहसास का नरीजा है
सावधान रहिये
कल हम और आप
किसी के भी घर मे हो सकता है
बिना गुनाह मे शामिल हुये
पूरे परिवार को
गुनाहगार बनते देखा है मैने
वो गुन्डे के मा बाप हो
या बलत्कारी के
वो डकैत के पिता हो
या झूठे किसी मामले मे
फंस गये बच्चे के
इसलिए
आंखे खोल कर रखो
जितना ज्यादा बच सको
बचाओ
बचा सको तो बचाओ अपनो
को
सिखा सको सिखाओ
अपनो को बचना गुनाह से
और गुनाह के झूठे आरोप से भी ।
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