शनिवार, 4 दिसंबर 2021

कल हो या न हो

खुशी आंखो मे भरो 
चाहे कितने आसू 
लटके हो 
खुशी दिल मे भरो 
चाहे कितना घायल हो 
खुशी इच्छाओ मे भरो 
चाहे दम तोड गयी हो 
खुशी बातो मे भरो 
चाहे 
अन्दर से खोखली हो चुकी हो 
और ठठा कर हंसो 
चाहे आवाज फंस रहो हो 
गमो को कुचल दो 
फिलवक्त और सो जाओ 
खुशी के एहसास के साथ
नीद के आने का पल जी लो  
क्योकी 
पता नही कल हो या न हो ।

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