शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

रुक जाना जीवन नही मरना है

शरीर कहता है जरा उम्र तो देख 
रुक जा या धीरे चल गिर जाएगा 
मन कहता है अभी तो जवान हूं मैं 
दोनो की बहस खत्म ही नहीं होती 
शरीर कहता है बहुत परेशान हूं मैं 
शरीर कहता है तू अकेला रहता है 
मन कहता है सारा जहांन अपना है 
शरीर को जब झेलना पड़ता है अकेले 
तो पता लगता है जहां एक सपना है 
मैं परेशान हूं किसकी मानू ना मानू 
सवाल ये है कि दोनो ही अपना है । 
जीते है वो मान कर जिससे सुख मिले 
जिंदगी भी तो चार पल का सपना है 
शरीर भी मन का साथ जरूर देगा 
और मन भी शरीर को चला देगा 
जिंदगी कुछ भी नही एक फरेब है
एक पल रोना है अगले पल हसना है । 
चलो चलते है चलो चलते है चलो चलते है 
क्योंकि रुक जाना जीवन नही मरना है । 
(अभी अभी )

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