बम और मिसाइलो के दिमाग नही होता
बम और मिसाइलो के दिल भी नही होता
नही जानते बम की वो क्या करते है
लाशे देख कर मिसाइलों के आसू नही निकलते
इन्हे नही पता कि घर या बस्ती कैसे बसती है
कोई हथियार इंसान को नहीं पहचानता है
इनके धमाके ये खुद नही सुन पाते है
फट जाने पर उनके खून नही निकलता है
पर इन्हे चलाने वाले हाथ तो सब जानते है ।
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