चंदा तुमने कितना भरमाया सालो साल
इंसा तुमको समझ न पाया सालो साल
स्त्री का व्रत हो या रोजा हो मुस्लिम का
सबने ही तुमसे शक्ति पाया सालो साल
मां ने बच्चो को भरमाया सालो साल
भूखे को रोटी बतलाया सालो साल
चरखा बुढिया कात रही है समझे थे
चादनी रात में खीर बनाया सालो साल
( पूरा करना है )
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